Saturday, 3 August 2013

ब्रिटेन आज भी कर्जदार है इस आयरन लेडी का**********************************************************************

ब्रिटेन आज भी कर्जदार है इस आयरन लेडी का

प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद ही मार्ग्रेट थैचर ने ऐसे कठोर निर्णय लिए जिन्होंने उन्हें आयरन लेडी के नाम से दुनिया भर में मशहूर कर दिया. इन कठोर निर्णयों में अगर कोई निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हुआ था तो वो था फाकलैंड द्वीपसमूहों से जुड़े विवाद में अर्जेंटीना के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आदेश देना.
ग्रैंथम (लिंकनशायर) , इंग्लैंड की एक छोटी सी मार्केट में काम करने वाले एक दुकानदार के घर जन्मी लेकिन किसे पता था कि एक दिन वो ऐसा कारनामा कर दिखाएगी जो
ब्रिटेन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो जाएगा. यह कहानी है ब्रिटेन की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट हिल्डा थैचर (Margaret Hilda Thacher) की.
वैश्विक राजनीति में आयरन लेडी के नाम से मशहूर मार्ग्रेट थैचर ने कल यानि 8 अप्रैल, 2013 को लंदन के रिट्ज होटल में अंतिम सांस ली. आखिरकार 13 अक्टूबर, 1925 को पैदा हुई मार्गेट थैचर ने 87 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के समरविल कॉलेज से केमिस्ट्री की पढ़ाई करने वाली मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) के पिता स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे. पिता के प्रभाव में आकर मार्ग्रेट का रुझान भी राजनीति की ओर बढ़ने लगा. पढ़ाई के दौरान वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कंजर्वेटिव एसोसिएशन की अध्यक्ष बनीं और मात्र 20 वर्ष की उम्र में मार्ग्रेट ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपना राजनीतिक भाषण दिया.
स्नातक की उपाधि ग्रहण करने के बाद मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) कॉलसेस्टर चली गईं. वहां प्लास्टिक का निर्माण करने वाली एक कंपनी में काम करने के साथ-साथ मार्ग्रेट स्थानीय कंजर्वेटिव पार्टी से ना सिर्फ जुड़ी रहीं बल्कि उनके साथ सक्रिय तौर पर काम भी करती रहीं.
राजनीति को ही अपना कॅरियर बनाने का विचार लिए मार्गेट को 1949 में भावी चुनावों के लिए कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाकर डार्टफोर्ड, केंट की सीट के लिए खड़ा किया गया, लेकिन इन चुनावों में उनकी हार हुई. परंतु सबसे कम उम्र की प्रत्याशी बनने के कारण मार्ग्रेट थैचर ने मीडिया को काफी आकर्षित किया, जिसका उन्हें व्यक्तिगत तौर पर काफी फायदा हुआ.
वर्ष 1951 में उन्होंने एक तलाकशुदा व्यवसायी डेनिस थैचर से विवाह किया और विवाह के तुरंत बाद वकालत की पढ़ाई करने लगीं. वर्ष 1953 में वह बैरिस्टर बनने में सफल रहीं और इसी साल उन्होंने मार्क और कैरल को जन्म दिया.
वर्ष 1955 में भी मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) ने कंजर्वेटिव पार्टी का प्रत्याशी बनने का सोचा लेकिन इस बार भी उन्हें हार ही मिली. लेकिन 1959 में वह संसद पहुंचने में कामयाब रहीं. कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से फिंचले की सीट जीतकर वह संसद पहुंच गईं.
दो साल के अंदर ही उन्हें जूनियर मिनिस्टर बना दिया गया और 1964 में हुई कंजर्वेटिव पार्टी की हार के बाद उन्हें छाया मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की राजनैतिक व्यवस्था के अनुसार सरकार गिर जाने पर अंतरिम सरकार के तौर पर छाया मंत्रिमंडल का गठन किया जाता है जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों ही दलों के मुख्य और महत्वपूर्ण नेताओं को शामिल किया जाता है, जो सामान्य मसलों पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत होते हैं.
थैचर को छाया मंत्रिमंडल में पर्यावरण सचिव का पद प्रदान किया गया. 1970 के आम चुनावों में जीतकर कंजर्वेटिव पार्टी की सत्ता में वापसी हुई और टैड हीथ के प्रधानमंत्री बनने पर थैचर को शिक्षामंत्री का पद दिया गया. लेकिन शिक्षामंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल विवादित रहा. उन्होंने 7-11 वर्ष के बच्चों को स्कूल में दूध दिए जाने की योजना को समाप्त कर दिया तो उनका बहुत विरोध हुआ. विपक्षी लेबर पार्टी की ओर से उन्हें दूध छीनने वाली करार दिया गया और नारा उछाला गया मारग्रेट थैचरमिल्क स्नैचर’.
अप्रत्याशित तौर पर वर्ष 1979 में मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए पहली महिला प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त कर डाउनिंग स्ट्रीट यानि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास में कदम रखा. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री बनने से छ: वर्ष पहले दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन में किसी महिला का प्रधानमंत्री बनना बहुत मुश्किल है.
प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद ही मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) ने ऐसे कठोर निर्णय लिए जिन्होंने उन्हें आयरन लेडी के नाम से दुनिया भर में मशहूर कर दिया. इन कठोर निर्णयों में अगर कोई निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हुआ था तो वो था फाकलैंड द्वीपसमूहों से जुड़े विवाद में अर्जेंटीना के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का आदेश देना.
विंस्टन चर्चिल के बाद मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) का नाम ब्रिटेन के अत्यंत प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है. मार्ग्रेट थैचर का प्रधानमंत्री बनना और इस पद पर बिना किसी रुकावट के टिके रहना मुश्किल था. वर्ष 1984 में मार्ग्रेट को मारने की कोशिश हुई. वह जिस होटल में बैठकर कंजरवेटिव पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर रही थीं उस होटल में बम ब्लास्ट हुआ. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई लेकिन थैचर बाल-बाल बच गईं.
कंजरवेटिव पार्टी के विभाजन के बाद उन्हें असली चुनौतियां मिलनी शुरू हुईं. मार्ग्रेट थैचर(Margaret Thacher) के विषय में कहा जाता है कि उनका तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनॉल्ड रीगन के साथ रिश्ता बहुत अच्छा था. दोनों घंटों साथ बैठकर राजनीति से जुड़े अपने विचार बांटा करते थे.
थैचर ने वर्ष 1979 से 1990 तक लगातार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला लेकिन यूरोपियन यूनियन मसले पर उत्पन्न हुए गतिरोध के कारण उन्होंने 27 नवंबर, 1990 के दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया और जॉन मेजर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए.
वर्ष 2007 में मार्ग्रेट थैचर (Margaret Thacher) पहली ऐसी प्रधानमंत्री बनीं जिनकी प्रतिमा जीवित रहते हुए हाउस ऑफ़ कॉमंस के बाहर लगी. शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद कमजोर हो जाने के बावजूद मार्ग्रेट को कई बार सार्वजनिक अवसरों पर देखा जाता रहा. उन्हें लोगों से मिलना-जुलना बहुत पसंद था. दुनिया के लिए मार्ग्रेट थैचर का योगदान उनकी रोल बैक पॉलिसीके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहा. उदारीकरण, विनिवेशन, पूंजीवाद के मानवीय चेहरे को आगे लाकर सेवाओं को गुड गवर्नेंस की अभिधारणा से जोड़ने में उनकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता------------------------------------------------------------>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>

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