बेरोजगारी की समस्या से आज के युवा परेशान हैं. नौकरी की तलाश में वे इधर-उधर भटक रहे हैं. सबकी यही ख्वाहिश होती है कि वे कोई ऐसा कोर्स करें जिससे आसानी से नौकरी मिल जाए.
करियर को लेकर युवाओं के मन में कई तरह के सवाल हैं. मसलन, कौन-सा विषय लेना ठीक रहेगा? किस फील्ड में रोजगार मिलने की ज्यादा गुंजाइश है और उसके लिए किस तरह की तैयारियां जरूरी हैं?
अगर आप भी इसी तरह के सवालों से जूझ रहे हैं तो आपको बता रहे हैं करियर के लिए नौ नयी मंजिलें, जिनमें नौकरी की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं- पहला है फैशन स्टाइलिंग.
फैशन स्टाइलिंग
भारत के लिए फैशन स्टाइलिंग नया क्षेत्र है. लेकिन अब फैशन के प्रति लोगों के बढ़ते लगाव की वजह से इस क्षेत्र में रोजगार के बहुत अवसर उपलब्ध है. यदि आप लोगों को स्टाइलिश बनाने का हुनर रखते हैं, तो फैशन स्टाइलिंग में काफी अच्छा करियर बन सकता है.
इस क्षेत्र में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने काम को कितना हुनर के साथ करते हैं और खुद की मार्केटिंग किस तरह से कर पाते हैं.
साथ ही, फैशन वर्ल्ड के बारे में भी जानकारी जरूर होनी चाहिए. इस कोर्स में मेकअप नॉलेज, हेयर स्टाइल, फोटोग्राफी, कम्प्यूटर और आईटी एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी जाती है.
इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आपको 12वीं पास होना जरूरी है. कोर्स पूरा करने के बाद आप फैशन हाउस, ऐड फिल्म, फिल्म इंडस्ट्री, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी आदि में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.
हेल्थ मैनेजमेंट
हेल्थकेयर का क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है. ऐसे में, इस क्षेत्र में पेशेवर लोगों की काफी जरूरत पड़ती है. जिस वजह से यह क्षेत्र बहुत फायदेमंद है.
इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च ने दो वर्षीय प्रोग्राम एमबीए इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट की शुरुआत की है. स्टूडेंट्स को पहले साल में मैनेजमेंट स्किल, हेल्थकेयर लॉ और रेगुलेशन के बारे में पढ़ाया जाता है, जबकि दूसरे वर्ष में हॉस्पिटल ऑपरेशन मैनेजमेंट या मेडिकल टूरिज्म आदि के बारे में बताया जाता है.
प्लेसमेंट की बात करें, तो कोर्स पूरा करने के बाद हेल्थकेयर एक्जीक्यूटिव के तौर पर हॉस्पिटल, हॉस्पिटल ऑर्किटेक्चर फर्म में एडवाइजर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, चीफ मेडिकल ऑफिसर, ट्रेवल इंडस्ट्री में कंसल्टेंट आदि के रूप में करियर शुरू कर सकते हैं.
मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से साइंस, फार्मेसी और मेडिसिन में स्नातक डिग्री प्राप्त छात्र इस कोर्स में एंट्री ले सकते हैं. इस क्षेत्र में शुरू में 15 से 20 हजार रुपये वेतन मिलता है.
इंडस्ट्रियल एरिया प्लानिंग
इस क्षेत्र में लगे उद्योग जगत के विकास के लिए सरकार भी कारगर कदम बढ़ा चुकी है. इसमें स्पेशल इकोनॉमिक जोन, स्पेशल इंवेस्टमेंट रीजन और इंडस्ट्रियल टाउनशिप भी शामिल हैं.
यही वजह है कि इंडस्ट्रियल एरिया मैनेजमेंट और प्लानिंग आज इंडस्ट्री की जरूरत बन गई है.
इस क्षेत्र में पेशेवरों की बढ़ती मांग को देखते हुए कई संस्थान इस क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं. इससे जुड़े अभ्यर्थी इंडस्ट्रियल एरिया की प्लानिंग, डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करते हैं.
जहां तक नौकरी की बात है, तो गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के साथ-साथ एनजीओ, रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थान, कंसल्टें सी आदि में तमाम संभावनाएं नजर आती हैं.
डाटा स्टोरेज
किसी भी कंपनी के लिए डाटा का काफी महत्व है. इस क्षेत्र में आज भी ऐसे लोगों की कमी महसूस की जा रही है जो संस्थान के पूरे विवरण को सही तरीके से सुनियोजित कर सके.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टोरेज नेटवर्किंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर किये हैं. कोर्स में प्रवेश के लिए कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ ही आईटी कंपनियों में कम से कम छह महीने तक काम करने का अनुभव जरूरी है.
डाटा स्टोरेज पेशेवर की शुरू में सैलरी 10 से 12 हजार रुपये के बीच होती है.
क्लीनिकल रिसर्च
एक अध्ययन के मुताबिक, वर्तमान समय में क्लीनिकल रिसर्च में 50 हजार पेशेवरों की जरूरत है. नौकरी की संभावना को देखते हुए इस क्षेत्र में युवाओं की रुचि बढ़ती जा रही है.
कुछ इंस्टीट्यूट्स ऐसे हैं जिन्होंने क्लीनिकल रिसर्च से जुड़े कोर्स शुरू किये हैं. एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएचएम, बीई, बीटेक, बी फार्मा और बीएससी र्नसिंग आदि डिग्रीधारक क्लीनिकल रिसर्च से जुड़े कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.
पब्लिक मैनेजमेंट
पब्लिक मैनेजमेंट क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप पब्लिक सेक्टर के अलावा प्राइवेट सेक्टर में सक्रिय कंपनियों में नौकरी की तलाश कर सकते हैं.
डेवलपमेंट फाइनेंस एक्सपर्ट
कहते हैं कि किसी इंडस्ट्री के विकास के लिए पेशेवर होना बहुत जरूरी है. इसे बनाए रखने के लिए आने वाले दिनों में डेवलपमेंट फाइनेंस में युवाओं के लिए रोजगार के काफी अवसर दिखते हैं.
कोर्स में प्रवेश लेने के लिए 10वीं, 12वीं और स्नातक 60 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है.
इसके अलावा, कैट स्कोर में कम से कम 85 अंक होने पर ही एडमिशन के लिए विचार किया जा सकता है. जहां तक प्लेसमेंट की बात है, तो एनजीओ, डेवलपमेंट कंपनी, बैंकों आदि में नौकरियां मिल सकती हैं. खास बात यह है कि इस फील्ड में सैलरी भी काफी अच्छी है.
मेट्रो टेक्नोलॉजी
इस समय मेट्रो का विस्तार देश के कई प्रमुख शहरों में हो रहा है. यही वजह है कि मेट्रो टेक्नोलॉजी में पेशेवरों की मांग बढ़ गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी, दिल्ली और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बीच समझौता हुआ है जिसके तहत पेशेवर लोगों को मेट्रो टेक्नोलॉजी में ट्रेंड किया जाएगा.
यह एक साल का प्रोग्राम है. इसमें 12 कोर्स हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस समय देश में कंस्ट्रक्शन और मेट्रो रेल सिस्टम के ऑपरेशन से जुड़े ट्रेंड के लोगों की काफी कमी है.
बी.टेक या फिर बी. आर्क डिग्री रखने वाले स्टूडेंट्स इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. कोर्स पूरा करने में बाद मेट्रो रेल में नौकरी हासिल कर सकते हैं.
पैकेजिंग और प्रिंटिंग
जो दिखता है, वही बिकता है. यह बात पैकेजिंग और प्रिंटिंग इंडस्ट्री पर भी लागू होती है. जिस प्रोडक्ट की पैकेजिंग जितनी अच्छी है, ग्राहक की नजर में वह उतनी ही जल्दी अपना असर छोड़ती है.
इन दिनों भारत में पैकेजिंग इंडस्ट्री रफ्तार पकड़ चुकी है इसीलिए पैकेजिंग से जुड़े लोगों की मांग भी बढ़ रही है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग नामक संस्था इससे जुड़े कई कोर्स ऑफर कर रही है जैसे- तीन महीने का र्सटिफिकेट प्रोग्राम इन पैकेजिंग, दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम आदि.
इस कोर्स में दाखिले के लिए आपको 12वीं और स्नातक पास होना चाहिए. कोर्स खत्म करने के बाद एफएमसीजी कंपनी, एक्सपोर्ट हाउस और प्रिंटिंग कंपनी में काम कर सकते हैं.