Sunday, 28 July 2013

खुद सिपाही बन जाओ, मोबाइल चोर को पकड़ लाओ........................................

खुद सिपाही बन जाओ, मोबाइल चोर को पकड़ लाओ 

इंसान अगर अपनी मदद खुद नहीं करता तो उसकी मदद कोई नहीं करता. आज के समय में अगर आपके पास मोबाइल है और आप उसे खुद संभालकर नहीं रख सकते तो यकीन मानिए आपके मोबाइल को दूसरा कोई भी नहीं संभाल सकता. मोबाइल आज हर इंसान की जरूरत बन चुके हैं. मोबाइल के बिना इंसान का एक पल भी गुजर पाना मानों नामुमकिन होता है. लेकिन कई बार परिस्थितियां इस तरह से धोखा देती हैं कि आपकी सबसे जरूरतमंद चीज यानि मोबाइल आपसे दूर हो जाता है. आपकी जरा सी लापरवाही आपका महंगे से महंगा मोबाइल फोन गुम करा सकती है. लेकिन अगर आप खुद सजग हैं और तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं तो आपको कभी ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. 

Mobile Safety Apps: मोबाइल सेफ्टी एप्स


माना कि आज के समय में मोबाइल खो जाने के बाद उसे ढूंढ़ पाना एक टेढ़ी खीर होता है लेकिन तकनीक के इस युग में कई ऐसी तरकीबें भी हैं जो आपके खोए मोबाइल फोन को ढूंढ़ सकती हैं. ऐसी तरकीबें दरअसल एक तरह के एप्स होते हैं जो आपके मोबाइल फोन खोने या चोरी हो जाने की स्थिति में उसमें लगे नए सिम से उसे ढूंढ़ती हैं. इसके अलावा अगर आपका मोबाइल कहीं गुम हो गया है या चोरी हो गया है तो आप इन एप्स की मदद से अपने मोबाइल को लॉक कर सकते हैं.
Mobile Safety Software and Apps: मोबाइल सेफ्टी सॉफ्टवेयर और टिप्स

मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में कई थेफ्ट एप्स एसएमएस के द्वारा आपके मोबाइल की लोकेशन और उसमें लगे नए सिम की जानकारी एक ऐसे नंबर तक पहुंचा देते हैं जिन्हें आपने एप्स को इंस्टॉल करते समय दिया होता है.
Periodic.phonelocator.mobi

पीरियॉडिक फोन लोकेटर की मदद से आप सिम बदले जाने की स्थिति में अपने मोबाइल के लोकेशन का पता लगा सकते हैं. यह एक फ्री एप है जो नोकिया में काम करता है.
कैस्परस्काई का सॉफ्टवेयर: www.kaspersky.com

कैस्परस्काई वेबसाइट मोबाइल सेफ्टी के सभी पैकेज उपलब्ध कराती है. यहां मौजूद सॉफ्टवेयर की मदद से आप ना सिर्फ अपने मोबाइल को वायरस से बचा सकते हैं बल्कि चोरी या गुम होने की सूरत में आप अपने मोबाइल के लोकेशन को भी पहचान सकते हैं. इसमें सिम चेंज के अलावा रिमोटली फोन ब्लॉक यानि मैसेज के द्वारा फोन को ब्लॉक करने की सुविधा और गूगल मैप पर जीपीएस की मदद से सटीक लोकेशन की सुविधा भी मिलती है.
एफ-सिक्योर- www.f-secure.com

एफ-सिक्योर एंटी वायरस बनाने वाली कंपनी है और यह अमूमन फ्री सॉफ्टवेयर प्रदान करती है. इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एंटी वायरस एंड्रॉयड, नोकिया और विंडोज फोन सभी में काम करते हैं. यूं तो एफ सिक्योर एक फ्री प्रोडक्ट है लेकिन अगर आप और भी अच्छी सिक्योरिटी चाहते हैं तो आपको थोड़ी जेब ढीली करनी पड़ेगी यानि ज्यादा से ज्यादा 2500 रुपए. लेकिन हां, कीमत पर एस सिक्योर आपके मोबाइल को पूरी तरह सिक्योर कर देगा.
इनके अलावा और भी कई वेबसाइट हैं जहां से आप बेहतरीन सेफ्टी एप्स और एंटी वायरस डाउनलोड कर सकते हैं जैसे:

हालांकि यहां हम आपको यह जरूर बता दें कि उपरोक्त सभी उपाय तभी कामयाब होंगे जब आप बहुत अच्छे नेट सेवी हों और तकनीक के साथ चलने का साहस रखते हों. मोबाइल खोने या चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले पुलिस को सूचित करें और अपना नंबर ब्लॉक करा दें इसके साथ ही खुद पुलिस बन अपने मोबाइल को ढूंढ़ने का प्रयास करें.


Post your Comments on: क्या आज महंगे मोबाइल फोन आपके लिए टेंशन का कारण बन जाते हैं?            by M.M. Khan

बैटरी को छत पर लगाइए, बिजली की समस्या से मुक्ति पाइए

बैटरी को छत पर लगाइए, बिजली की समस्या से मुक्ति पाइए

solar cell 
कई बार ऐसा होता होगा कि आप बाहर छुट्टी के दिन दोस्तों से मिलने निकले, पता चला कल बिजली गुल रहने के कारण आपने फोन चार्ज नहीं किया, बैटरी डिस्चार्ज है. आपने पूरे दिन घूमने का प्लान बनाया था पर अब फोन ऑफ हो जाने से आपको चिंता लगी रहेगी कि कभी किसी आपात की स्थिति आ गई तो आपका परिवार आपसे संपर्क नहीं कर पाएगा. झल्ला कर आप आधे समय में ही वापस आ जाते हैं. कभी ऐसा भी हुआ होगा कि कल ऑफिस का कोई जरूरी काम छोड़ आप आ गए होंगे कि रास्ते में लैपटॉप पर कर लेंगे. आप लैपटॉप निकालते हैं तो पता चलता है कि यह भी चार्ज नहीं. कई बार आपको जरूरी काम करने होते हैं, बच्चों की कल परीक्षा है और बिजली चली जाती है. इनवर्टर चलाते हैं पर वो भी चार्ज तो तब होगा न जब बिजली रहेगी. अब गर्मी और मच्छर में आप काम कैसे करें और बच्चे पढ़ाई कैसे करें. आप गर्मी और बिजली को कोसने लगते हैं. सोचिए क्या होता अगर आपके घर की छत अपने सोलर सेल की तरह काम करती. आप कहेंगे ये ऐसा कैसे हो सकता है. सौर ऊर्जा सुनने में अच्छी है पर इसके तामझाम अपने घर में स्थापित करना इतना आसान नहीं है. पर सोचिए क्या हो अगर सोलर सिस्टम का तमाम तामझाम आप एक ए-3 साइज पेपर में प्रिंट कर सकें.
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे सोलर बैटरी का आविष्कार किया है जिसे ए-3 (A-3) आकार के पेपर में प्रिंट किया जा सकता है. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरियन ऑरगेनिक सोलर सेल कंसोर्टियम (Victorian Organic Solar Cell) के वैज्ञानिकों ने फोटोवोल्टिक सेल को ए-3 आकार के पेपर पर प्रिंट किए जा सकने में सफलता पाई है. सीएसआईआरओ (CSIRO) के उत्पाद (Product) वैज्ञानिक डॉ. स्कॉट वॉटकिंस के अनुसार, “इसे कई प्रकार से उपयोग किया जा सकता है. इससे हम बल्ब भी जला सकते हैं और ऊर्जा से संबंधित अन्य काम भी कर सकते हैं. यहां तक कि किसी लैपटॉप केस में डालकर इसे बैकअप के लिए भी यूज किया जा सकता है.” जरूरत के अनुसार इसे स्टील के प्लेट पर भी प्रिंट किया जा सकता है. 10-50 वॉट ऊर्जा प्रति मीटर2 की क्षमता वाले ये सेल गगनचुंबी इमारतों की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा कर सकने में भी सक्षम हैं. क्योंकि ये सेल स्टील की प्लेटों पर प्रिंट किए जा सकते हैं, इन्हें इमारतों की छतों पर लगाया जा सकता है. हालांकि ये सोलर प्रिंटिंग की सुविधा पहले भी उपलब्ध थी पर इसकी प्रिंटिंग की विधि दूसरी थी

आप चाहे तो अपनी गर्लफ्रेंड की हमशक्ल भी प्रिंट कर सकते हैं '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''

आप चाहे तो अपनी गर्लफ्रेंड की हमशक्ल भी प्रिंट कर सकते हैं 

आपने टी.वी. पर वो एड तो देखा होगा जिसमें एक बच्चा फोटोस्टेट मशीन में टॉफी डालता है और वैसी ही अनेक टॉफियां फोटोस्टेट कॉपी की तरह निकलती हैं. वह तो सिर्फ एक विज्ञापन था लेकिन जरा सोचिए अगर असल में ही ऐसी कोई तकनीक विकसित कर ली जाए जिसके जरिए एक ही शक्ल और एक ही तरीके से काम आने वाले वस्तुएं एक से दो हो जाएं और वो भी बिना किसी नुकसान के. भले ही आपको यह सब क्लोनिंग विषय पर बनी हॉलिवुड फिल्म का एक सीन लग रहा हो लेकिन सच यही है कि एक ऐसा प्रिंटर बाजार में उतारा जा चुका है जिसकी सहायता से कोई भी वस्तु प्रिंट कर सकते हैं. आप चाहे तो अपना फोन कवर, किसी एंटीक पीस की प्रतिकृति, अपने फेवरेट सिलेब्रिटी द्वारा पहना गया कोई सूट, यहां तक कि बंदूक की गोलियां भी बड़ी आसानी के साथ प्रिंट कर सकते हैं. 

प्रिंटर की कार्यप्रणाली 

अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे मुमकिन है, तो हम आपको बता दें कि यह प्रिंटर आमतौर पर ऑफिस या घर में प्रयोग आने वाले एक इंकजेट की ही तरह काम करता है फर्क बस इतना है कि इसमें इंक या स्याही के स्थान पर 3डी कलर्स और विभिन्न रंगों वाले प्लास्टिक के धागों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें ABS फिलामेंट कहा जाता है. 

प्रिंटर की मशीन उच्च तापमान के जरिए धागों को पिघलाकर परत दर परत उसी शक्लो सूरत की वस्तु का निर्माण करती है जो प्रिंटर के अंदर डाली गई थी. इस प्रक्रिया द्वारा वस्तु का निर्माण करना ही 3डी प्रिंटिंग कहलाता है. औद्योगिक ईकाइयों, जो धातु और पॉलिमर का प्रयोग करती हैं, में इस प्रिंटर का उपयोग किया जाने लगा है. एक साइकिल को प्रिंटर में डालकर उसकी तरह की अन्य साइकिल बनाना, वैसे ही मोटर पार्ट्स, फर्नीचर, लैंप्स आदि का उत्पादन भी कुछ इसी तरह किया जाता है.


3डी प्रिंटर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य



1. वर्ष 2009 में सबसे पहले एक ब्लड वेसल को प्रिंट किया गया.



2. इसके अलावा 2011 में एक कार, डेस्कटॉप 3डी प्रिंटर और प्रिंटेड रोबोटिक एयरक्राफ्ट के जरिए मानवरहित यान बनाया गया.



3. 2012 में मानव जबड़ा प्रिंट कर मनुष्य के शरीर में लगाया गया और 2013 में कान का प्रिंटर निकाला गया.


भारत में आने की संभावना
हालांकि अभी तक यह प्रिंटर भारत में अपनी पहुंच नहीं बना पाया है लेकिन ऐसी उम्मीद है कि आने वाले तीन महीनों में दिल्ली और मुंबई में इससे संबंधित इंटरनेट कैफे खोले जाएंगे.

3डी प्रिंटर का उपयोग कैसे किया जा सकता है

3डी प्रिंटर का उपयोग बिल्कुल वैसे ही किया जा सकता है जैसे किसी आम प्रिंटर का किया जाता है. कंप्यूटर, पेनड्राइव या यूएसबी वायर से इसे कनेक्ट कर आप वही चीज प्रिंट कर सकते हैं जो पहले से ही बनी हुई हैं. लेकिन फर्क बस इतना है कि इसमें वस्तु को प्रिंट होने में समय थोड़ा ज्यादा लगता है. उदाहरण के लिए अगर आप एक फोन केस प्रिंट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको करीब एक घंटे का इंतजार करना पड़ सकता है. आपको सिर्फ वस्तु प्रिंटर में डालनी है और बस कमांड देना होता है, बाकी सब अपने आप ही होता रहता है.

आप भी 3डी प्रिंटर घर लाना  चाहते हैं?



1. अगर आप बिना इंस्टॉल किए और बिना कोई पैसा खर्च किए 3डी प्रिंटर की कार्यप्रणाली और उसके फायदों से वाकिफ होना चाहते हैं तो आप www.mwoo.me पर जाएं.



2. पेन ड्राइव में अपनी इमेज कॉपी करें.



3. फिर Sculpteo .com या shapeway.com पर जाकर “प्रिंट” का ऑर्डर दें.



4. इस प्रिंट को मंगवाने का चार्ज 7 डॉलर प्लस शिपिंग से शुरू होता है और ऑर्डर करने के बाद लगभग 2-4 हफ्तों में यह प्रिंट आपके घर होगा.

3डी प्रिंटर के फायदे

3डी प्रिंटर के जरिए अगर कोई चीज प्रिंट की जाती है तो उसका मूल्य अपेक्षाकृत कम होगा. इतना ही नहीं चिकित्सीय उपचार की लागत भी इसकी सहायता से बेहद कम हो सकती है.

कुछ नुकसान भी हैं इस प्रिंटर के

जैसे कि कहा जाता है विज्ञान के लाभ के साथ-साथ कुछ हानियां भी होती हैं. ऐसा ही कुछ इस तकनीक के साथ भी है. क्योंकि आप बंदूक, गोला बारूद आदि जैसी घातक वस्तुओं का भी उत्पाद भी उसी तरह कर सकते हैं जिस तरह अन्य वस्तुओं का आप प्रिंट निकालते हैं. जिसके परिणामस्वरूप जिस वैश्विक शांति को हम एक आदर्श स्थिति मानते हैं उसकी बहाली के रास्ते में कई अड़चनें आ सकती हैं. हालांकि भारत में अभी इस प्रिंटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है लेकिन फिर भी इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इसके फायदे से ज्यादा कुछ ऐसे नुकसान हैं जिनकी भरपाई कर पाना वाकई मुश्किल है.

Google Play: गूगल का हैरान कर देने वाला फीचर ```````````````````````````````````

Google Play: गूगल का हैरान कर देने वाला फीचर 

गूगल, दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन अपने यूसर्ज को रिझाने और उन्हें सहूलियतें प्रदान करने का एक भी मौका हाथ से नहीं गंवाता. अब वह एक ऐसा फीचर लेकर मार्केट में उतर रहा है जो आपको तो बहुत पसंद आएगा ही लेकिन साथ में आपकी जेब भी खाली होने से बचेगी.उल्लेखनीय है कि अब तक आप यूट्यूब जैसी अन्य वेबसाइटों पर गाने सुना करते थे जो आपकी जेब काफी ढीली कर दिया करते थे लेकिन अब आपके पास अपने पैसे बचाने का सुनहरा अवसर आ गया है क्योंकि गूगल लेकर आया है एक ऐसा फीचर जिसका प्रयोग कर आप मुफ्त में और अपनी मनमर्जी के गाने बिना किसी परेशानी के सुन सकते हैं.

सैन फ्रांसिस्को में हुई डेवलपर्स काफ्रेंस में गूगल की ओर से गूगल प्ले के लांच होने की घोषणा करते हुए यह बताया गया कि गूगल प्ले नाम का यह फीचर एक रेडियो की तरह काम करेगा और फर्क बस ये होगा कि जो गाना आप सुनना चाहते हैं यह वही बजाएगा. लेकिन थोड़ी निराशा की बात यह है कि यह सुविधा डाउनलोड करने के पहले महीने तक फ्री होगी और उसके बाद अगर आप इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको प्रति माह करीब 10 डॉलर चुकाने पड़ेंगे और दस डॉलर देकर आप अपने पसंदीदा गानों को जितनी मर्जी बार चाहे और जहां चाहे आसानी से सुन सकते हैं. बस वहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए.
  गूगल प्ले की तरह मार्केट में अन्य ऐसी बहुत सी साइटें हैं जो सीधे गूगल प्ले को बड़ी चुनौती दे सकती हैं. यह वे साइटें हैं जो काफी लोकप्रिय और यूजर्स के लिए सुलभ हैं, इतना ही नहीं स्पॉटिफाई, एक्सबॉक्स म्यूजिक, पैन्डॉरा और आईट्यून्स जैसी सेवाओं से गूगल को कड़ी चुनौती मिलने की पूरी उम्मीद है. लेकिन फिर भी गूगल इस बात से आश्वस्त है कि वह इस क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और उसे अपनी सफलता की भी पूरी गारंटी है. खैर जो भी है लेकिन नए और पुराने गानों के शौकीन इस सुविधा का भरपूर फायदा उठा सकते हैं.
लेकिन भारतीय लोगों को गूगल प्ले अपनी सुविधाएं कब मुहैया करवाता है यह बात अभी नहीं बताई जा रही है क्योंकि गानों की एक बड़ी लाइब्रेरी बन चुका गूगल प्ले फिलहाल अपनी सेवाएं सिर्फ अमेरिका में ही दे रहा है और वह अमेरिका के बाहर अपने पैर कब पसारेगा इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

आंखों के इशारे से चलता है यह फोन -----------------------------------------

आंखों के इशारे से चलता है यह फोन 

फोन के शौकीनों के लिए आज बाजार में किस्म-किस्म के फोन उपलब्ध हैं. कुछ के लिए यह बस एक जरूरत की चीज है तो कुछ फोन के ऐसे दीवाने भी हैं जो नित नयी तकनीक से लैस फोन ढूंढ़ा करते हैं. आज के फोन में टच फोन हर किसी की पसंद है. यह तकनीक भी अब लगभग हर प्राइस-रेंज में उपलब्ध है. क्वेरी पैड के बाद टच पैड ने युवाओं के बीच खूब लोकप्रियता बटोरी. पर शायद कभी आप सोचते होंगे अब इसके बाद क्या? शायद आपने कभी सोचा हो कि बिना छुए ही फोन काम करने लगें तो कैसा हो. तो हम आपको बता दें कि आपने सही सोचा होगा. अब एक ऐसा फोन बाजार में उपलब्ध है जो बस आंखों के इशारे से चलेगा.

एप्पल के आईफोन बाजार को अपने गैलेक्सी फोन (Galaxy Smartphone) से टक्कर देकर सैमसंग के उत्पादक उत्साहित हैं. इसी सफलता को और बढ़ाने के लिए सैमसंग अपनी गैलेक्सी की सिरीज में गैलेक्सी एस-3 के बाद अब गैलेक्सी एस-4 (Galaxy S-4) लेकर आया है. 27 अप्रैल, 2013 को ही लांच के बाद अब यह बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध है. दिल्‍ली, मुम्‍बई, बैंगलौर और चेन्‍नई के अलावा यह सभी सैमसंग स्‍टोर में तथा ऑनलाइन साइटों पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध है. इसमें बाकी फोन से अलग एयर फ्लो टच, एस हेल्‍थ एप्‍प के अलावा एस ट्रांसलेशन, 4जी एलटीई, एचएसपीडिए प्‍लस, ब्‍लूटूथ के अलावा वाईफाई जैसे फीचर भी उपभाक्ताओं को मिलेंगे.
दिखने में गैलेक्सी एस-3 की तरह दिखने वाले फोन को देख एक नजर में आपको लगेगा इसमें ऐसा तो कुछ नया नहीं पर यह फोन अब तक के सभी मोबाइल फोनों से अलग बिना छुए केवल आपकी आँखों के इशारे पर चलेगा. इसकी एयरव्यू टेक्नॉलोजी से यह फोन आँखों के इशारे पर काम करती है. 5 इंच की स्क्रीन के साथ इसमें 8 कोर का प्रोसेसर दिया गया है जो ड्यूयल कोर प्रोसेसर से दोगुना तेज है. इसके अलावे इसकी एक विशेषता है एक समय में दो तस्वीरें खींचना. जी हां, अपने फ्रंट और बैक में क्रमश: 2 मेगापिक्सल और 13 मेगापिक्सल के साथ यह एक साथ दो तस्वीरें खींच सकता है, वीडियो कॉलिंग के साथ ही आप एचडी रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं. इस स्मार्टफोन में तीन वैरियंट (26जीबी, 32जीबी और 64जीबी) के साथ 2 जीबी की रैम भी है. साथ ही पहले के मुकाबले बैटरी की क्षमता भी 20 प्रतिशत अधिक है. एक वक्त में दोनों कैमरा चला सकने की क्षमता के साथ ही यह ब्राइटनेस, कंट्रास्ट भी वातावरण के अनुकूल खुद-ब-खुद एडजस्ट कर लेता है.
सैमसंग एस-4 के खास फीचर
डिस्पले : ‌5 इंच फुल एचडी स्‍क्रीन. 4.99 इंच सुपर एमोल्ड फुल एचडी रिज्योलूशन। 1080 X1920 डिस्प्ले 480 पीपीआई पिक्सल डेस्टिनी के साथ।

आइ स्क्रॉलिंग फीचर : फोन का फ्रंट कैमरा यूजर की नजरों को पढ़ते हुए यूजर मोबाइल पर कहां देख रहा है उसे कैच कर सकता है।
प्रोसेसर: कार्टेक्‍स ए 15 प्रोसेसर
कैमरा : 13 मेगापिक्सल का ऑटोफोकस रियर कैमरा और वीडियो कॉलिंग के लिए 2 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा.
ऑपरेटिंग सिस्टम : एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन 4.2 जेलीबीन.
रैम : 2 जीबी रैम

कनेक्टिविटी : ब्लूटूथ 4.0, वाइ-फाइ, एनएफसी और जीपीएस.
नेटवर्क: जीएसएम 850/900/1800/1900 के साथ 2जी नेटवर्क। एचएसडीपीए 850/900/1900/2100 के साथ 3जी नेटवर्क। एलटीई के साथ 4जी नेटवर्क।
कीमत- 41,500 रुपए


or aap jude rahiye hamare blog se or bhi bahut jankari ke liye

or aap mujhe mail bhi kar sakte mai mmkhan.ggc@gmail.com par...............
                                                                                                                      Thanks

कभी इनकमिंग के पैसे लगते थे और अब शक्ल भी फ्री में दिखती है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

कभी इनकमिंग के पैसे लगते थे और अब शक्ल भी फ्री में दिखती है

क्या आपका मोबाइल 3जी सुविधा से लैस है? इस सवाल के जवाब में अधिकतर लोग ‘हां’ ही बोलेंगे क्योंकि आजकल 3जी स्मार्टफोन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और साथ ही उनकी रेंज भी सभी की पॉकेट के हिसाब से फिट हो जाती है. लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि आप मोबाइल फोन में उपलब्ध ‘जी’ सुविधा के बारे में अच्छी तरह जानते भी हैं या नहीं?


3 जी और 4 जी के आने से पहले अब तक 2 जी पर काम हो रहा था लेकिन अब सुना है कि जल्द ही मार्केट में 5 जी कनेक्शन भी उपलब्ध होने वाला है और सैमसंग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन फिर भी हमें उम्मीद है कि बहुत से लोग अभी भी इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि ‘जी’ आखिर है क्या और 1जी से शुरू हुई यह सीरीज 5 जी तक पहुंच गई तो इस सुविधा में अंतर क्या है? चलिए हम आपको आपके सभी सवालों का जवाब देते हैं
1. 5 जी: वैसे सच बताएं तो भारतीय यूजर्स तक 4जी सुविधा अभी तक ठीक प्रकार से पहुंची भी नहीं थी कि सैमसंग ने 5 जी पर भी काम शुरू कर दिया. सैमसंग का कहना है कि उसके द्वारा 5जी तकनीक विकसित कर ली गई है जिसके तहत आपका फोन 2 किलोमीटर दूरी तक से डेटा एक जीबी/सेकेंड की रफ्तार से भेज सकेगा. यह तकनीक 2020 तक सामान्य यूजर्स तक पहुंच पाएगी.
2. 4जी: मोबाइल फोन की दुनिया में यह तकनीक वर्तमान समय में मौजूद एक क्रांतिकारी सुविधा है. इस सुविधा के अंतर्गत बैंडविड्थ से जुड़ी सभी समस्याओं का लगभग अंत हो जाएगा. एयरटेल के द्वारा 4जी टैरिफ की कीमतों में कटौती करने की योजना है. इससे पहले 2जी के टैरिफ के दामों को भी एयरटेल कम कर चुका है. एयरटेल की मानें तो वह 4जी के दाम भी 3जी से ज्यादा नहीं करेगा.
3. 3जी: ये सुविधा अब हर स्थान, हर राज्य, हर क्षेत्र में उपलब्ध है. आजकल ज्यादातर मोबाइल यूजर्स भी स्मार्टफोन के जरिए इसी सुविधा का उपयोग कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत 3जी जैसी तेज डेटा सर्विस का मजा उठाया जा सकता है.
4. 2जी: आजकल जिन फोनों को ‘डिब्बा’ कहा जाता है, यह सुविधा उन्हीं फोन में होती है. 2जी के जरिए डेटा एक जगह से दूसरी जगह भेजा तो जाता है लेकिन उसकी स्पीड बहुत धीरे होती है. ऐसा नहीं है कि अब इसका प्रयोग नहीं होता, क्योंकि बहुत से लोग हैं जो आज भी 2 जी सुविधा का ही उपयोग कर रहे हैं.
5. 1जी: वैसे अन्य देशों के लोग इस सुविधा का प्रयोग 80 के दशक से कर रहे थे लेकिन अब पूरी तरह विलुप्त इस सुविधा को भारत में 90के दशक के बाद लाया गया. जब यह तकनीक प्रयोग की जाती थी तब इसके दाम बहुत कम थे और इसके जरिए सिर्फ वॉइस कॉल ही हो पाती थी.

ek baar fir hajir hai ye m.m. khan aapki seva mai...........

कौन कहता है फेसबुक इंटरनेट से ही चलता है? By M.M. Khan

कौन कहता है फेसबुक इंटरनेट से ही चलता है?

आजकल आप हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन देखते होंगे और जो लोग महंगे-महंगे फोन रखना पसंद नहीं करते या फोन पर ज्यादा खर्च करना पसंद नहीं करते तो अभी तक आप फोन पर अलग-अलग एप्लिकेशन डाउनलोड नहीं कर पाते थे. जाहिर है आपके दोस्त और रिश्तेदार आपको अपनी फोन एप्लिकेशन से चिढ़ाते भी होंगे जो काफी हद तक आपको परेशान करता होगा. लेकिन अब आपको उनके चिढ़ाने से परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब वे लोग जो अभी भी सिंपल फोन पर ही विश्वास रखते हैं उनके लिए भी मजेदार एप्लिकेशन डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इजराइल की एक कंपनी ने एक ऐसा तरीका ढूंढ़ निकाला है जो सिंपल फोनों में भी एप्लिकेशन डाउनलोड करने में आपकी सहायता कर सकता है. इजराइल की वास्को डी नामक कंपनी की इस तकनीक के अनुसार यूजर कंपनी के ही क्लाउड बेस्ड सिस्टम से एप्लिकेशन प्राप्त कर सकता है और उसके लिए किसी भी प्रकार की डाउनलोडिंग की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. जाहिर है यह सब सुनकर आप हैरान हो रहे होंगे लेकिन सच यही है कि एसएमएस की तरह काम करने वाले टेक्स्ट बेस्ड अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंटरी सर्विस डेटा का प्रयोग कर सिंपल फोन धारक ऐसा कर सकते हैं.
इस तकनीक को विकसित करने वाली वास्को डी कंपनी के सीईओ डोरोन मोटोस का यह कहना है कि आज की तरीख में 83 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग करने में असमर्थ हैं और इसी की वजह से वह अपने जरूरी ईमेल भी समय से चेक नहीं कर पाते. डोरोन का कहना है कि इंडोनेशिया, ब्राजील आदि जैसे देशों को कंपनी अपना टार्गेट बनाकर चल रही है क्योंकि यहां अत्याधिक गरीबी होने के कारण वह स्मार्टफोन का उपयोग नहीं कर पाते और अपने-अपने कामों को पूरा करने के लिए उन्हें इंटरनेट पर जाकर पैसे खर्च करने पड़ते हैं.
इस सर्विस का उपयोग करने वाले लोग इस सर्विस की सहायता से फेसबुक, जीमेल आदि जैसी जरूरी और चर्चित एप्लिकेशन का लुत्फ उठा पाएंगे जो अभी तक सिर्फ स्मार्टफोन यूजर को ही मुहैया करवाई जाती रही है. इस सर्विस के साथ बस एक समस्या यह है कि इसकी मदद से आप उस तरह इंटरनेट नहीं चला सकते जिस तरह समार्टफोन यूजर चला सकता है लेकिन हां, एक एप्लिकेशन के जरिए आप किसी भी समय मेल चेक करने के लिए और दोस्तों से कनेक्ट रहने के लिए फेसबुक जैसी साइटों का उपयोग तो कर ही सकते है


or mai moh. moin khan aap ke liye or nayi nayi cheeje la raha hu bahut jald.......