Saturday, 25 April 2015

धारा 66ए खत्म, लेकिन अभी भी इन धाराओं के तहत हो सकती है जेल -

धारा 66ए खत्म, लेकिन अभी भी इन धाराओं के तहत हो सकती है जेल -

नई दिल्ली। हालांकि आईटी एक्ट2000 की�धारा�66ए निरस्त हो चुकी है, जिसके बाद अब सोशल साइट्स पर लोगों को कुछ भी पोस्ट करने की आजादी मिल गई है। लेकिन अभी भी आईपीसी की कई ऎसी धाराएं है जिनके तहत सोशल साइट्स पर कानून को तोड़ने वाले कंटेंट पोस्ट करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है और उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
इन धाराओं को भी जान ही लें तो अच्छा है।
धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पोस्ट या कमेंट (आईपीसी की धारा 295ए)-
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट या कमेंट करता है तो उसके खिलफ आईपीसी की धारा 295ए के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 साल तक की जेल हो सकती है।
सांप्रदायिकता बढ़ाने वाली पोस्ट या कमेंट (आईपीसी की धारा 153ए)-
यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष समूह, जाति, वर्ण या संप्रदाय के आधार पर द्वेषता फैलाने वाली पोस्ट या कमेंट सोशल साइट्स पर पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मुकदमा हो सकता है। इस धारा के तहत मुकदमा दर्ज होने पर 3 साल की सजा हो सकती है।
किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट या कमेंट (आईपीसी की धारा 499 और 500)-
यदि कोई व्यक्ति अपनी पोस्ट या कमेंट में किसी व्यक्ति विशेष के विरूद्ध उसकी मानहानि से संबंधित बातें लिखता है या कमेंट करता है अथवा गालियां देता है तो यह मान-हानि का मामला है। ऎसी पोस्ट या कमेंट करने पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके तहत 2 साल तक की जेल हो सकती है
आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करना (आईपीसी की धारा 294)-
सोशल साइट्स पर यदि कोई व्यक्ति आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करता है यानि अश्लील भाषा का इस्तेमाल करता है, अश्लीलता फैलाता है, गालियां देता है अथवा ऎसी बातें पोस्ट या कमेंट करता है जिससे किसी को ठेस पहुंचती है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 294 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। ऎसे मामले में दोषी को 3 महीने तक की जेल हो सकती है।
जान से मारने की धमकी देना (आईपीसी की धारा 506)-
सोशल साइट्स पर किसी को जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। ऎसे मामले में दोषी को 7 साल तक जेल की सजा हो सकती है।
झूठी खबरें फैलाना (आईपीसी की धारा 505)-
सोशल साइट्स पर जानबूझकर ऎसी पोस्ट या कमेंट करना जिसमें झूठी बातें अथवा अफवाहें हों और वो किसी की भावनाओं को भड़काने वाली हों तो आईपीसी की धारा 505 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। इस मामले में 3 साल की जेल हो सकती है।
राष्ट्र विरोधी पोस्ट या कमेंट (आईपीसी की धारा 124ए)-
यदि कोई व्यक्ति सोशल साइट्स पर अपनी पोस्ट या कमेंट में राष्ट्र विरोधी लिखता है जिससें राष्ट्र की एकता या अखंडता को चोट पहुंचती है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए के तहत केस दर्ज हो सकता है। इस धारा के तहत उम्र कैद तक हो सकती है।

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