Sunday, 28 July 2013

How to Save a Wet Cell Phone :मोबाइल पानी में गिर जाए तो क्या करें...............................................

How to Save a Wet Cell Phone :मोबाइल पानी में गिर जाए तो क्या करें

आज मोबाइल फोन हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. आम से लेकर खास इंसान सबकी पसंद या यों कहें जरूरत बन चुके हैं यह. विज्ञान के इस आविष्कार ने दूरियां बेहद कम कर दी हैं. मोबाइल ने इस युग में संचार की एक नई क्रांति को जन्म दिया है. लेकिन हमारी मुश्किलें और परेशानियां कम करने वाला यह मोबाइल अकसर हमारे लिए परेशानी का भी सबब बन जाता है.
Mobile Safety Tips
आज के समय में मोबाइल लेना जितना आसान है उतना ही मुश्किल इसे संभालना है. आज सभी जानते हैं कि मोबाइल बेहद कमजोर यंत्र होता है. अगर यह एक बार गिर जाए तो इसके खराब होने के चांस कई गुना बढ़ जाते हैं और गलती से अगर आपने अपने मोबाइल को पानी में गिरा दिया तो 90% केसों में आपको नया मोबाइल ही लेना पड़ता है. मोबाइल फोन को सबसे ज्यादा खतरा भी पानी से ही होता है.
Cell Phone Safety Tips
काफी ऊंचाई से जमीन पर गिरने के बाद भी आपका मोबाइल ज्यादातर सिर्फ हार्डवेयर प्रॉब्लम ही देता है लेकिन पानी में जाने के बाद आपके मोबाइल पर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों तरह की समस्याएं आ सकती हैं.
How to Save a Wet Cell Phone
अगर कभी आपका मोबाइल फोन पानी से भीग जाए तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में धैर्य बनाए रखें. आपकी थोड़ी सी सावधानी आपके भीगे हुए मोबाइल को दुबारा पहले जैसा बना सकती है. तो आइए जानें कुछ घरेलू उपाय जो आपके गीले मोबाइल को खराब होने से बचा सकते हैं:
  • सबसे पहले बैटरी निकालें: पानी से भीगे हुए मोबाइल फोन की बैटरी को सबसे पहले फोन से निकाल दें क्यूंकि पानी से बैटरी का पॉवर फोन को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसी स्थिति में कई बार मोबाइल को चालू करने से आई.सी. के खराब होने की संभावना रहती है जिससे भारी नुकसान होता है.
  • फोन ऑन ना करें: कभी भी पानी से भीगे हुए फोन को ऑन करने की कोशिश न करें. इससे फोन में शार्ट सर्किट हो सकता है.
  • पानी से भीगने पर साफ कॉटन के कपड़े या फिर टिशू पेपर से उसे पोंछें.
  • चावल बड़ा फायदेमंद होता है: कई लोग मानते हैं कि अगर फोन पूरी तरह से पानी से भीग चुका है तो अगर फोन को बिना ऑन किए एक कटोरी में भरे हुए चावल के अंदर 24 घंटे के लिए रख दें तो पानी सूख जाता है और मोबाइल खराब नहीं होता.
लेकिन अगर इन सबके बावजूद आपका मोबाइल सही काम नहीं करता तो फिर उसे आप सिर्फ प्रमाणित सर्विस सेंटर में ही दिखाएं.
Post your comments on: पानी में गिरने के बाद अकसर आपके दिमाग में सबसे पहली बात कौन सी आती है?

plz comment me my id mmkhan.ggc@gmail.com 

                                                                                                                 Thanks

सावधान! कहीं आपकी यह हरकत महंगी ना पड़ जाए

सावधान! कहीं आपकी यह हरकत महंगी ना पड़ जाए 

मोबाइल, इंटरनेट और फेसबुक आज ऐसी चीज बन गए हैं जो लगभग हर युवा वर्ग की पहुंच में हैं. मनोरंजन के यह साधन आज युवाओं के लिए एक नशे की तरह हो चुके हैं. इस नशे में वह इतने धुत्त हो जाते हैं कि उन्हें अच्छे और बुरे का कुछ ख्याल ही नहीं रहता और इसी में युवा अश्लीलता की तरफ मुड़ने लगते हैं. 

Nudity on Emails and SMS: 

अश्लीलता की तरह मुड़ता शौक इंटरनेट पर न्यूड फोटो देखना और उसे शेयर करने के साथ अश्लील मैसेजों को भेजना तो अब बेहद आम हो चला है. लेकिन परेशानी तब होती है जब कुछ बेहद मनचले किसी अनजान को इस तरह के मैसेज और तस्वीरें भेजते हैं जो ऐसी चीजें पसंद नहीं करता और इसकी कंप्लेन पुलिस को करता है. ऐसी स्थिति में पहले पुलिस गुनहगार को पकड़कर पहले समझाती थी और फिर बाद में दूसरी बार पकड़े जाने पर सजा देती थी लेकिन अब पुलिस कोई पहला मौका नहीं देगी. तो अगर आप या आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे सावधान कर दीजिए. 

New Act against Nudity: नया कानून

ईमेल या एमएमएस के जरिए किसी महिला की अश्लील तस्वीर को भेजना अब तीन साल तक की सजा का सबब बन सकता है. यह सजा पहली बार पकडे़ जाने पर मिलेगी. केंद्र सरकार ने महिलाओं की छवि अश्लील तरीके से प्रस्तुत करने को रोकने संबंधी अधिनियम-1986 में संशोधनों को मंजूरी दे दी है. अब इसे संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. संशोधनों के दायरे में टीवी कार्यक्रम और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री भी आएगी.

सजा सख्त बनाते हुए संशोधित विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पहली बार दोषी पाए जाने पर अपराधी को अधिकतम तीन साल की कैद और 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा. दूसरी बार अपराध करने वाले के लिए जहां 2 से 7 साल तक की कैद होगी, वहीं 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना संभव होगा. केंद्र सरकार के अनुसार नए संशोधनों का उद्देश्य इंटरनेट, मैसेजिंग के जरिए महिलाओं के खिलाफ समाचारों में अश्लील छवि का प्रसार रोकना है.


पहले का कानून
2000 में बनाए गए इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66 के सेक्शन ए के तहत मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्त्री को अश्लील एसएमएस, ई-मेल या तसवीरें भेजना, धमकी देना या फोन पर अश्लील बातें करना संज्ञेय अपराध माना गया है. अर्थात केवल स्त्री द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधार पर पुलिस आरोपी को बिना वारंट जारी किए पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में 24 घंटे तक रख सकती है. इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेने की भी आवश्यकता नहीं होती. इसके अलावा आई.पी.सी. की धारा 499 के तहत ऐसा करने वाले व्यक्ति पर मानहानि का भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है और आरोप सिद्ध हो जाने पर उसे तीन साल के लिए कारावास की सजा भी हो सकती है.


अगर आपके साथ ऐसा होता है तो
अगर आपको कोई बारबार अश्लील एसएमएस और ईमेल भेजता है तो पुलिस या महिला हेल्पलाइनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके लिए आप निम्न नंबर का प्रयोग करें:
दिल्ली के लिए
100 (Delhi Police Helpline): यह दिल्ली पुलिस की फ्री हेल्पलाइन नंबर है. इस नंबर पर कॉल करके अगर कोई आपका पीछा कर रहा है या आपके साथ छेड़खानी की कोशिश कर रहा है या फिर आपके गंदे एसएमएस कर रहा है तो उसकी जानकारी दे सकते हैं.
1091(Women Helpline in Delhi): अगर महिलाओं को किसी तरह की परेशानी है तो वे इस नंबर पर कॉल कर सकती हैं.
1096(Women Helpline in Delhi): अश्लील एसएमएस भेजने, पीछा करने व फोन करने पर 1096 पर कॉल कर सकते हैं. इस नंबर पर कॉल करने पर आपका नाम गुप्त रखा जाता है. आप अश्लील एसएमएस को 9911135446 पर फारवर्ड भी कर सकते हैं. किसी भी तरह की परेशानी पर महिलाएं 27894455 लैंड लाइन पर फोन भी कर सकती हैं.


उत्तर प्रदेश में
1010(UP Police Helpline): उत्तर प्रदेश में मोबाइल पर फोन या अश्लील एसएमएस भेजकर लड़कियों को परेशान करने वालों पर लगाम लगाने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1010 की शुरुआत की गई है जहां लड़कियां अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.
Post Your Comments on: क्या महिलाओं के ऊपर होने वाले अत्याचार हमारे समाज की पुरुषवादी सोच का परिणाम है?


aap apni ray mere mail mmkhan.ggc@gmail.com par bhi bhej sakte hai.............


                                                                                                                      Thanks

Thodi bahut rajneeti bhi ho jaye.............................

मनमोहन और आडवाणी 

इस आशय की खबरों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा कि उत्तराखंड सरकार बाढ़, बारिश, भूस्खलन का शिकार बने लोगों को समुचित सहायता पहुंचाने में नाकाम साबित हो रही है। हालांकि आपदा की विकरालता को देखते हुए किसी भी राज्य सरकार के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों को राहत पहुंचाना मुश्किल होता, लेकिन कांग्रेस को इससे चिंतित होना चाहिए कि आपदाग्रस्त इलाकों से बचकर निकलने वालों में ऐसे लोगों की तलाश करना मुश्किल है जो राज्य सरकार और उसके प्रशासन की सराहना कर रहे हों। कोई नहीं जानता कि अव्यवस्था का आलम कब खत्म होगा, लेकिन यह जानकारी संभवत: सबको हो गई होगी कि कांग्रेस ने राहत और बचाव कार्यो को गति देने के लिए जिन नेताओं को दिल्ली से देहरादून भेजा उनमें मोतीलाल वोरा भी हैं। 85 बरस के वोरा जी स्वस्थ और सक्रिय हैं, लेकिन क्या कांग्रेस को उनके स्थान पर किसी युवा नेता की तलाश नहीं करनी चाहिए थी? कुछ इसी तरह का सवाल पिछले हफ्ते तब भी उठा था जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के तहत 86 बरस के शीशराम ओला को केंद्रीय मंत्री की शपथ दिलाई गई थी। नि:संदेह ओला जी भी स्वस्थ और सक्रिय हैं, लेकिन क्या यह अच्छा नहीं होता कि उनके स्थान पर किसी युवा शख्स की तलाश की जाती, खासकर यह देखते हुए कि केंद्र सरकार के पास समय कम है और काम ज्यादा? केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के क्रम जो आठ नए लोग मंत्री बने हैं उनमें से ज्यादातर के चयन का आधार जो भी रहा हो, यह कहना कठिन है कि दक्षता और कौशल को प्राथमिकता प्रदान की गई। 

इस फेरबदल के पहले जिस तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल से अजय माकन और सीपी जोशी को संगठन में ले आया गया उससे देश को यही संदेश गया कि अब सरकार चलाना कांग्रेस की प्राथमिकता में नहीं रहा। कहीं ऐसा तो नहीं कि पार्टी ने यह मान लिया है कि शेष कार्यकाल में और कुछ करना संभव नहीं रह गया है और अब तो यही बहुत है कि सरकार किसी तरह चलती रहे? यह तय है कि अब मनमोहन सरकार के लिए कहीं कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन आखिर एक नाकाम सरकार की निष्क्रिय अवस्था कांग्रेस के लिए मददगार कैसे साबित हो सकती है? कांग्रेस जब चुनाव मैदान में उतरेगी तो उसे मनमोहन सरकार के कामकाज का हिसाब तो देना ही होगा। वह यह नहीं कह सकती कि देश संप्रग सरकार का दूसरा कार्यकाल भूल जाए और केवल पहले कार्यकाल के आधार पर हाथ को मजबूती प्रदान करे। संप्रग सरकार का दूसरा कार्यकाल देश के लिए किसी आपदा से कम नहीं। इस दौरान देश ने करीब-करीब वह सब गंवा दिया जो पहले अर्जित किया था। कांग्रेस माने या न माने, सच यही है कि भारत तेजी से आगे बढ़ते, उभरते और सफलतापूर्वक चुनौतियों का सामना करते देश की छवि खो चुका है। इसी तरह मनमोहन सिंह भी एक सक्षम-सक्रिय प्रधानमंत्री की छवि से हाथ धो बैठे हैं। इससे भी बुरा यह रहा कि ईमानदार पीएम की उनकी छवि पर बट्टा लग गया। मुश्किल यह है कि उन्हें इस सबका आभास नहीं है और शायद यही कारण रहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में वह यह कह गए कि भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के कारण राज्य का विकास बाधित हुआ ह

 उनके इस कथन पर सारा देश उन पर हंसा। जबसे यह बात सामने आई है कि कोयला घोटाले की सीबीआइ जांच रपट में प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अफसर ने भी छेड़छाड़ की थी तबसे तो प्रधानमंत्री एक अभियुक्त सरीखे दिखने लगे हैं। आखिर ऐसी छवि वाले प्रधानमंत्री के रहते कांग्रेस आम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कैसे कर सकती है? इसमें दोराय नहीं कि अजय माकन और सीपी जोशी की भागीदारी के बाद कांग्रेस सांगठनिक रूप से कहीं अधिक सक्षम नजर आने लगी है, लेकिन यह समझना कठिन है कि राहुल गांधी का सारा ध्यान संगठन पर क्यों है? वह केंद्र सरकार को उसके हाल पर छोड़कर जिस तरह संगठन पर ध्यान दे रहे हैं उससे यह संभव है कि आने वाले समय में पार्टी चुस्त-दुरुस्त नजर आने लगे, लेकिन क्या कोई यह दावा करने की स्थिति में है कि केंद्र सरकार भी तेजी से काम करती हुई दिखाई देने लगेगी? 

सरकार की नाकामी-निष्क्रियता तो संगठन की सक्रियता-सकारात्मकता का हरण ही करेगी। अगर यह मान भी लिया जाए कि प्रधानमंत्री बनना राहुल गांधी की प्राथमिकता नहीं तो भी यह तो उनका एजेंडा है ही कि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आए। यह एजेंडा केवल संगठन के काम पर ध्यान देने से शायद ही पूरा हो। अगर सरकार के लोग संगठन में जाकर उनके निर्देश के हिसाब से काम कर सकते हैं तो क्या इसके उलट भी ऐसा ही नहीं हो सकता?1 यह तय है कि अगर मनमोहन सिंह और केंद्र सरकार की छवि में सुधार नहीं हुआ तो वह कांग्रेस के लिए वैसे ही साबित होंगे जैसे भाजपा के लिए लालकृष्ण आडवाणी हो रहे हैं। आडवाणी की कथित नाराजगी ने भाजपा को नए सिरे से कलह ग्रस्त पार्टी की छवि प्रदान कर दी है। अगर आडवाणी इसी तरह नाराज बने रहते हैं तो भाजपा का एकजुट होना तो दूर रहा, वह एकजुट दिख भी नहीं पाएगी। यह दुयरेग ही सही, लेकिन दिलचस्प है कि दो परस्पर विरोधी दलों के बुजुर्ग नेता अपनी-अपनी पार्टी की संभावनाओं को स्याह करने का काम कर रहे हैं। एक अपनी नाकामी से और दूसरे अपनी नाराजगी से। ऐसा लगता है कि दोनों ही इससे अनजान हैं कि आम जनता उनके बारे में क्या सोचती है और पार्टी को उनसे क्या अपेक्षाएं हैं? इन दोनों नेताओं में एक समानता यह भी देखी जा सकती है कि उनमें से कोई भी यह कहने को तैयार नहीं कि वह पीएम पद की दौड़ में शामिल नहीं।


इस आलेख के लेखक राजीव सचान हैं...................................................

गूगल अकाउंट कहीं बैंक से पैसे ना उड़ा ले !!

गूगल अकाउंट कहीं बैंक से पैसे ना उड़ा ले !!

जरा सोचिए जिस तरह आप अपने इंटरनेट अकाउंट के जरिए तस्वीरें या जरूरी कागजात स्कैन करवाकर इधर-उधर भेजते हैं, अगर वैसे ही बिल्कुल उसी तरह आप अपने संबंधियों, दोस्तों या परिचितों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवा पाएं तो….!! आपको ये मजाक लग रहा होगा कि कैसे आप अपने इंटरनेट अकाउंट से यह सब कर सकते हैं लेकिन सच यही है कि अगर आपके पास अपना जीमेल अकाउंट है तो आप उसमें “अटैचमेंट” की तरह पैसे भी भेज सकते हैं. पैसों की बात हो तो जिज्ञासा आसमान छूने लगती है और इतना ही नहीं जब बात पैसों की हो तो जल्द से जल्द इस जिज्ञासा का समाधान ढूंढ़ना ही पड़ता है. अरे भई मानव मस्तिष्क है किया भी क्या जा सकता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे आप गूगल की सहायता से अपने जरूरतमंद परिचितों, दोस्तों या संबंधियों को धन मुहैया करवा सकते हैं.
गूगल प्ले (Google Play) जैसी सुविधा को जनता की सेवा में हाजिर करने के साथ-साथ गूगल की ओर से अन्य बहुत सी घोषणाएं भी की गईं और इन्हीं घोषणाओं में से एक थी पैसे के लेन-देन को इस कदर आसान बनाना. आप यकीन नहीं करेंगे पैसे को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना इतना आसान इससे पहले कभी ना था लेकिन गूगल (Google) ने इसे बाएं हाथ का खेल बना दिया. 
अपने ई-मेल सर्विस को और अधिक यूजर फ्रेंडली और नई-नई तकनीकों से लैस बनाते हुए गूगल वालेट जैसी सर्विस की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत ‘अटैचमेंट’ के भीतर बने डॉलर साइन को क्लिक कर पैसों की संख्या को भरना है.
हफिंगटन पोस्ट में प्रकाशित इस खबर के अनुसार गूगल (Google) अकाउंट की सहायता से आप उन लोगों तक भी पैसे पहुंचवा सकते हैं जिनका जीमेल अकाउंट है ही नहीं.
आने वाले कुछ महीनों में 18 वर्ष से ऊपर का हर व्यक्ति इस सुविधा का लाभ उठा सकता है, लेकिन उल्लेखनीय या कहें भारतीयों के लिए निराशाजनक बात यह है कि फिलहाल इस सेवा का फायदा सिर्फ अमेरिकी लोग ही उठा सकते हैं. 
जी हां, गूगल (Google) की इस सेवा को अभी तो सिर्फ अमेरिका में ही चलाए जाने की योजना है. इसके शुरू होते ही एंड्रॉइड और आइ फोन की विभिन्न एपलिकेशन द्वारा वेनमो की सहायता से ही पैसों को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट तक ट्रांसफर किया जाता था लेकिन अब फोन पर, डेस्कटॉप, लैपटॉप या टैबलेट पर आप बेहद आसानी से पैसों को अपने मित्रों तक पहुंचा सकते हैं.






देखिए है ना कमाल का !!!

How to make a website easily?????????????????????????

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Is link ko khole or or dekhe website banane ka aasan tareeka........................

How to see Free Movies ???????????????????????????????????????????

फ्री में फिल्में देखने का जुगाड़: How to see Free Movies 

BHAगती-दौड़ती जिंदगी और महंगाई के इस जमाने में ना सिर्फ खाना-पीना और रहना महंगा हो गया है बल्कि इस महंगाई ने आम इंसान के मनोरंजन को भी बेहद महंगा कर दिया है. आज लोग पहले की तरह आउटडोर गेम्स बहुत कम खेलते नजर आते हैं. मनोरंजन और ब्रेक के लिए भी लोग मशीनों के गुलाम बन जाते हैं. फेसबुक और मूवीज आज अधिकांश लोगों के मनोरंजन की पूर्ति करते हैं. फेसबुक बेशक फ्री हो लेकिन इसको चलाने के लिए भी आपको इंटरनेट चाहिए और मनपसंद मूवीज देखने के लिए सिनेमाघर का चक्कर लगाना जेब को काफी भारी पड़ सकता है. अगर आप भी अपना मनोरंजन मनपसंद मूवीज के साथ करना चाहते हैं लेकिन आपकी मनपसंद मूवीज ना टीवी पर आ रही हो ना ही थियेटर में लगी हो तब आप क्या करेंगे? हो सकता है आप ऐसे समय में डीवीडी लाकर देखना पसंद करें लेकिन एक तरीका ऐसा भी है जिससे आप यह मूवीज फ्री में देख सकते हैं. 

मूवीज ऑन इंटरनेट 

आज इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो आपको फ्री में अपनी मनपसंद मूवीज दिखाती हैं. बिना पैसे के झंझट और भाषा की बंदिश के आप अपनी मनपसंद मूवी देख सकते हैं. हालांकि यहां कई वेबसाइट्स ऐसी भी हैं जो आपको बेहद खराव क्वालिटी देती हैं लेकिन कुछ अच्छी क्वालिटी भी देती हैं जिनका जिक्र हम कर रहे हैं. आप इन वेबसाइट्स को आजमा सकते हैं : 

http://www.bigflix.com/: यह एक ऐसी वेबसाइट है जो आपको 11 भारतीय भाषाओं समेत कई अंतरराष्ट्रीय फिल्में देखने की सुविधा देती है. यहां आपको फ्री में अपनी मनपसंद फिल्म देखने के अलावा उसे फेसबुक पर शेयर करने की भी सुविधा है. और हां, यहां पर फिल्म देखने के लिए आपको अलग से कोई प्लेयर इंस्टॉल करनी की जरूरत नहीं. साथ ही इसकी स्पीड भी बेहद अच्छी मानी जाती है. यहां फिल्म देखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहा आप बिना ब्रेक के फिल्म देख सकते हैं.

[यहां फिल्म देखने के लिए आपके पास एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए. ]
http://www.join4movies.com/: यह एक ऐसी वेबसाइट है जो आपको बेहद फास्ट स्पीड से मूवी देखने की आजादी देती है. यहां मूवीज के छोटे-छोटे पार्ट्स की क्लिप होती है. यानि दो घंटे की मूवी को चार भागों में बांटा होता है जिससे इसे देखने में एक शानदार अनुभव होता है. यहां पर भी आपको किसी तरह का अतिरिक्त प्लेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं.
http://www.myonlinemovies.net : जैसा कि नाम से ही जाहिर है माई ऑनलाइन मूवीज डॉट नेट. यह वेबसाइट आपको अपनी पसंद की सभी फिल्में देखनी की आजादी देता है फिर चाहे वह किसी भी भाषा में हों.
www1.Zmovie.tv (ONLY FOR HOLLYWOOD MOVIES): इस वेबसाइट पर हाई क्वालिटी मूवी स्ट्रीमिंग के लिए बड़ी संख्या में हॉलीवुड की नई और पुरानी फिल्में मौजूद हैं. जब आप कोई खास फिल्म देखना चाहते हैं, तो यह वेबसाइट ऐसे कई लिंक दिखाती है, जहां उसकी स्ट्रीमिंग चल रही होती है. इनमें से अपनी पसंद की स्ट्रीम आप चुन सकते हैं. अगर कोई स्ट्रीम अच्छी नहीं चल रही है, तो दूसरी स्ट्रीम को आजमा सकते हैं. फिल्मों की रेटिंग के अलावा यहां स्ट्रीम क्वालिटी की भी रेटिंग मौजूद है.
onlinewatchmovies.net (BEST FOR DUBBED MOVIES): यह वेबसाइट भी नई से नई हॉलीवुड फिल्में फ्री में देखने का शानदार स्रोत है. और सिर्फ हॉलीवुड ही नहीं हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी और दूसरी कई भाषाओं की फिल्मों के लिंक भी यहां मिलेंगे. अगर आपको हॉलीवुड फिल्मों के संवाद को समझने में दिक्कत पेश आती है, तो डब की गई अंग्रेजी फिल्में यहां देख सकते हैं. यहां कुछ फिल्मों को डाउनलोड करने की भी सुविधा दी जाती है

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Funny Jokes in Hindi: नो मोर, नो मोर

बस में कॉलेज की लड़कियों के चढ़ने से बस भर गई और एक आदमी रह गया.
कंडक्टर: नो मोर, नो मोर…
संता: मोरनी चढ़ा ली हम आए तो “नो मोर नो मोर”
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Funny Jokes in Hindi: कुछ न बोला
अमरीश का तोता रोज एक आदमी को देख कर बोलता “और गधे कैसा है?”
उस आदमी ने अमरीश से शिकायत की तो अमरीश ने तोते को डांटा
अगले दिन जब वो आदमी तोते के बगल से गुजरा तो तोता कुछ न बोला.
थोड़ा आगे जाकर आदमी ने मुड़ कर देखा तो तोता हंसते हुए बोला “समझ तो तू गया ही होगा.”
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Funny Jokes in Hindi: डांस करोगी?
शादी में एक लड़का (लड़की से): आप डांस करोगी?
लड़की (शर्माते हुए): “हां!”
लड़का (प्यार से): तो फिर आपकी कुर्सी मैं ले जाऊं “दीदी”?
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Funny Jokes in Hindi: अकेला महसूस करते हो?
टीचर: किसी ऐसी जगह का नाम बताओ जहां बहुत सारे लोग हों फिर भी आप अकेला महसूस करते हों?
छात्र: परीक्षा हॉल में.



Hum ne socha intelligent to apan roj hi bante hai. par thoda bahut mood fresh bhi ho jaye................